Monday 16 June 2014


 '12वर्षों बाद बृहस्पति पहुचे उच्चराशि में, बनाया 'परमहंस' योग'
अग्नि के अंशावतार देवगुरु बृहस्पति 12वर्षों बाद पुनः 19 जून को अपनी उच्चराशि कर्क में प्रवेश कर रहे हैं, गुरु एक सदी में लगभग आठ बार उच्चराशिगत
रहते हैं ! इसके पहले ये जुलाई 2002 से जुलाई 2003 के मध्य कर्कराशि की यात्रा पर थे, जब-जब गुरु कर्क राशि में गोचर करते हैं तब-तब 'परमहंस'
योग बनता है और जब ये अपनी स्वयं की राशि धनु एवं मीन में गोचर करते हैं तबतब 'हंस' योग का निर्माण होता है ! जिन जातकों की जन्मकुंडली में
गुरु कर्क राशि में होकर केन्द्र या त्रिकोण में होंगें उनके लिए इनका उच्चराशिगत होना श्रेष्ठतम फलदाई रहेगा उपरोक्त अंकित वर्षों के अनुसार आप स्वयं
की कुंडली में भी गुरु के राशि परिवर्तन के प्रभाव का मिलाप करसकते हैं !
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्र फलदाई ग्रह माना गया है शुक्ल यजुर्वेद में तो इन्हें आत्मा की शक्ति कहा गया है जो प्राणियों को
आत्मबोध की ज्योति प्राप्त कराकर अज्ञान के अन्धकार को दूर करते हुए जीव को सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते है वेदों में भी कहा गया है
कि, 'बृहस्पतिः प्रथमं जायमानो महो ज्योतिषः परमे व्योम्..अर्थात - बृहस्पति जो सबसे महान है अपनी स्थिति से आकाश के उच्चतम स्तर से
सभी दिशाओं से, सात किरणों से, अपनेकानेक जन्मों से, अपनी ध्वनि से हमें आच्छादन करने वाले अन्धकार को पूर्णतया दूर करते हैं ! सृजन में
प्रजापिता ब्रह्मा का सहयोगी होने के फलस्वरूप इन्हें 'जीव' भी कहा गया है ! सुंदर पीतवर्ण वाले गुरु अपने याचक को वांछित फल प्रदान कर उसे संपत्ति
तथा बुद्धि से संपन्न कर देते हैं ! पुनर्वसु, विशाखा एवं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों के स्वामी गुरु मकर राशि में नीचराशिगत रहते हैं ! जन्मकुंडली में द्वितीय, पंचम,
नवम तथा एकादश भाव के कारक होते हैं !
शिक्षा और व्यापार में होगा भारी सुधार - इसवर्ष शिक्षा के अधिपति गुरु के उच्चराशिगत होने से शिक्षा के क्षेत्र सरकार द्वारा नई नई योजनाएं घोषित की
जो पूर्णतः कारगर सिद्ध होंगी आप कह सकते हैं कि यह वर्ष शिक्षा को समर्पित रहेगा ! इसी के साथ शेयर बाज़ार के टॉप फिफ्टी शेयर्स जैसे बैंक, बीमा
भारी उद्योग, फार्मा इंफ्रा आदि में सकारात्मक खरीदारी से बाज़ार भारी उछाल आएगा ! बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा
इसका ज्योतिशीय विश्लेषण करते हैं !
मेष - मकान वाहन का सुख किन्तु माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, कार्य व्यापार में उन्नति, स्थान परिवर्तन एवं विदेश यात्रा के योग !
बृषभ - साहस पराक्रम की वृद्धि-भाग्योन्नति किन्तु भाइयों में अहं का टकराव, धार्मिक एक मांगलिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे, आर्थिक उन्नति !
मिथुन - यात्रा तीर्थाटन का लाभ, अधिक खर्च से उलझने बढेंगी किन्तु किसी बड़े समाचार से मन प्रसन्न होगा, रोजगार के अवसर उपलब्ध रहेंगे !
कर्क - वर्ष का बेहतरीन समय शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता, मंजिल तक आसानी से पहुचेंगे, नौकरी में पदोन्नति एवं पुरस्कार प्राप्ति !
सिंह - अधिक खर्च से परिवार में तनाव रहेगा, किन्तु आपके द्वारा लिए गए निर्णय एवं कार्यों की सराहना होगी, मातापिता के स्वास्थय का रखें
कन्या - आय के साधन बढेंगे, शिक्षा एवं संतान संबंधी चिंता दूर होगी, परिश्रम का पूर्ण फल एवं उच्चाधिकारियों से सहयोग मिलेगा!
तुला - मान-सम्मान में वृद्धि, विद्यार्थी वर्ग के लिए यह परिवर्तन वरदान की तरह, निर्णय लेने में शीघ्रता दिखाएँ, कर्ज से मुक्ति मिलेगी !
बृश्चिक - आकस्मिक बड़े अनुबंध प्राप्ति के अवसर, शासन सत्ता का भरपूर सहयोग, विद्यार्थी वर्ग को भी मिलेगी शिक्षा-प्रतियोगिता में बड़ी सफलता !
धनु - नए प्रेमप्रसंग से हो सकती है बदनामी, स्थान परिवर्तन के योग, उच्च अधिकारियों से मधुर सम्बन्ध बनाएँ, यात्रा सावधानी पूर्वक करें !
मकर - शादी विवाह की वार्ता सफल रहेगी, व्यापार में उन्नति, आपके द्वारा किये गए कार्यों की सराहना होगी, विद्यार्थियों के लिए सफलतादायक वर्ष !
कुंभ - गुप्त शत्रुओं से बचें, कोर्टकचहरी के मामले बाहर ही निपटा लें तो बेहतर रहेगा, यात्रा के समय सामान चोरी होने से बचाएं, नई नौकरी मिलने के योग !
मीन - संतान तथा शिक्षा संबंधी चिंता दूर होगी, आयके साधन बढेंगें नए अनुबंध के सुअवसर, सरकारी अथवा अदालती निर्णय आपके पक्ष में आयेंगें !
बृहस्पति को अधिक प्रसन्न करने उपाय - गुरुवार का व्रत करें. पीले वस्त्र धारण करें, गौओं की सेवा करें झूँठ कम से कम बोलें, आम, पीपल, अनार का
वृक्ष लगाएं प्रतिदिन ॐ बृं बृहस्पतये नमः मन्त्र का ११ बार जप करें ! --- पं जयगोविंद शास्त्री

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सभी शिव भक्तों के लिए सुखद समाचार है, कि आगामी 19 और 20 सितंबर को श्री ओंकारेश्वर
ज्योतिर्लिंग पर महारुद्राभिषेक पाठ करने का निर्णय लिया गया है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! अपनी उपस्थिति के लिए हमें सूचित करें ! पं जयगोविंद शास्त्री