Friday 29 July 2016

शिवकृपा प्राप्ति का मुख्य पर्व 'श्रावण शिवरात्रि' सोमवार को- PT JAIGOVIND SHASTRI ASTROLOGER
यूँ तो सनातन धर्म में सृष्टि संहार के स्वामी श्रीरूद्र की उपासना के लिए श्रावण माह को सर्वाधिक पुण्यफलदाई माना गया है, किन्तु इसवर्ष पड़ने वाली 'श्रावण शिवरात्रि' को सोमवार दिन भी है इसलिए यह 'अमृतयोग' तुल्य शुभमुहूर्तयोग बन गया है ऐसे में प्राणियों को इस दिन शिवोपासना अथवा रुद्राभिषेक का कोई भी सुअवसर खोना नहीं चाहिए | सम्पूर्ण श्रावणमाह में शिव-शक्ति पृथ्वी पर ही निवास करते हैं अतः सभी देव-दनुज, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर, शिवगण, शिव भक्त आदि 'शिवः अभिषेक प्रियः, श्रावणे पूजयेत शिवम्' आदि-आदि सूक्तिओं के संकेत से भगवान् रूद्र की आराधना एवं अभिषेक करते हैं | इस माह के आरम्भ होते ही शिवभक्त कांवडि़ये हरिद्वार, ऋषिकेश और गोमुख से गंगाजल भरकर कांवड़ उठाये अपने-अपने घर को लौटते हैं | मार्ग में इन शिवभक्तों द्वारा ॐ नमः शिवाय, बोल बं, 'बम-बम भोले' आदि के उद्घोष से पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है | वेदों के अनुसार 'मुमुक्षुः तीर्थ वारिणाः' | शिवरात्रि के दिन किसी भी तीर्थजल, समुद्र्जल, गंगाजल से अभिषेक शिव को अतिशय प्रिय है, किन्तु गंगाजल के द्वारा भगवान शंकर का अभिषेक सर्वोत्तम माना गया है | ऋषियों का कहना है कि 'भावी मेट सकहिं त्रिपुरारी | अर्थात- ब्रह्मा जी द्वारा प्राणियों के भाग्य में लिखा गया त्रिबिध दुःख भी भगवान् शिव ही समाप्त कर सकते हैं | जो श्रद्धालु मंदिर नहीं जा पाते हैं, वे घर में ही रखे शिव परिवार का अभिषेक कर सकते हैं सभी गृहस्थ शिवभक्तों को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि घर में दो शिवलिंग न हों और अभिषेक करने के समय शिव परिवार के सभी सदस्य, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी एवं आभूषण नागदेवता सभी शिवलिंग के चारों ओर विराजमान रहें | वैरागियों, साधुसंतों, बालब्रह्मचारियों, घर-पारिवार से मुक्त शिवभक्तों के लिए ऐसा करना अनिवार्य नहीं है, वै केवल शिवलिंग की ही पूजा करते हैं, उनके लिए कहागया है कि 'शिवलिंगेपि सर्वेषां देवानां पूजनं भवेत' अर्थात शिवलिंग पर ही सभी देवों का भी अभिषेक करें | शुक्ल यजुर्वेद में विभिन्न द्रव्यों से भगवान शिव का अभिषेक करने का फल बताया गया है | गन्ने के रस से शीघ्र विवाह श्री एवं धन प्राप्ति, शहद कर्जमुक्ति एवं पूर्ण पति का सुख, दही से पशुधन की वृद्धि, कुश एवं जल से आरोग्य शरीर, मिश्री एवं दूध से उत्तम विद्या प्राप्ति, कच्चे दूध से पुत्र सुख, और गाय के घी द्वारा रुद्राभिषेक करने पर सर्वकामना पूर्ण होती है | भगवान रूद्र को भस्म, लाल चंदन, रुद्राक्ष, आक का फूल, धतूरा फल, बिल्व पत्र और भांग विशेष रूप से प्रिय हैं अतः इन्ही पदार्थों से आगामी श्रावण शिवरात्रि सोमवार 1अगस्त को शिवपूजन करें | पं जयगोविन्द शास्त्री

Thursday 7 July 2016

सूर्य, बुध एवं शुक्र के एक साथ आने से बनेगा अद्भुद योग- PT JAIGOVIND SHASTRI ASTROLOGER
ग्रह अनुकूल हों तो दीन दरिद्र को भी राजपाट दे देते हैं लेकिन प्रतिकूल हों तो राजा को भी रंक बना देते हैं इस तरह के अनेकों उदाहरणदेखे भी गए हैं अतः ग्रहों के शुभाशुभ प्रभाव से कोई नहीं बच सका | कुछ इसी तरह के ग्रह संयोग इनदिनों बनने वाले हैं | वर्तमानमें सूर्य, बुध और शुक्र एक साथ कर्क राशि में मिलने वाले हैं शुक्र पहले से ही कर्क राशि में हैं, बुध 11 जुलाई को और सूर्य 16 जुलाईको पहुचेंगें जिसके परिणाम स्वरूप 'त्रिग्रही' योग का निर्माण होगा जिसका भारतवर्ष और जनमानस प्रभाव कुछ इस तरह पड़ेगा |स्वतंत्र भारत की प्रभाव राशि कर्क है और पन्द्रह अगस्त सन् उन्नीस सौ सैतालीस मध्यरात्रि के समय जब भारतवर्ष को आज़ादी मिली तो उस समय भीकर्क राशि में ही सूर्य, बुध और शुक्र एक साथ विराजमान थे | इस अवधि में इन ग्रहों द्वारा निर्मित 'त्रिग्रही' योग देश की प्रगति के लिए अति उत्तम हैक्योंकि वर्तमान संवतवर्ष के भी राजा शुक्र और मंत्री बुध ही हैं जिसके फलस्वरूप आने वाला समय देश और देश की जनता के लिए अति शुभ रहेगा |वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की जन्मकुंडली में बिगत तीन महीने से बना हुआ अशुभ ग्रह गोचर भी समाप्त हो जाएगा | इनदिनों बनने वालेयोगों के प्रभाव से भारत सरकार के द्वारा लोकसभा में लाये गये बिल तो आसानी से पास होंगे ही बल्कि पन्द्रह अगस्त से पहले जी,एस,टी बिल भी आजाए तो उसपर भी बात बन सकती है | स्टॉक मार्केट की दृष्टि से भारतवर्ष की कुंडली और वर्तमान सरकार की कुंडली के ग्रह अति सकारात्मकफल देने वाले हैं जिसके परिणाम स्वरूप यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग हो जाने के बावजूद भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा बल्किबैंकिंग सेक्टर्स, बीमा, आई टी, मेटल्स, हैवी इंडस्ट्री जैसे क्षेत्रों में निवेशकों का रुझान तो बढेगा ही साथ कमोडिटी सेक्टर्स में लॉन्गटर्म के निवेशकों के लिए भीलाभ के अच्छे योग रहेंगें | मोदी सरकार के शपथग्रहण के समय की तुला लग्न की कुंडली के अनुसार यह योग दशमकर्म भाव में बनरहा रहा है यह केंद्र औरकर्म दो नामो से जाना जाता है अतः सरकार के द्वारा किये जारहे कार्य एवं आरम्भ की गई कल्याणकारी योजनायें अति प्रभावशाली ढंग से कार्य करेंगी | केंद्रसरकार के मंत्रियों में नई ऊर्जा का संचार होगा | कृषक वर्ग के लिए यह योग अति कल्याणकारी रहेगा | इन ग्रहों का एक नकारत्मक प्रभाव यह रहेगा किजलतत्व की राशि कर्क में इनका मिलन अतिवर्षा एवं देश के कई भागों में अतिबाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर सकता है | पं जयगोविन्द शास्त्री