Thursday 19 September 2013


ग्रहाः राज्यं प्रयच्छन्ति, ग्रहाः राज्यं हरन्ति च !
अर्थात - ग्रह अनुकूल हों तो राज्य दे देतें हैं, और
प्रतिकूल होने पर तत्काल हरण भी कर लेते हैं !!
शास्त्र भी कहते हैं कि-
अहिंसकस्य दान्तस्य धर्मार्जित धनस्य च ! नित्यं च नियमस्थस्य सदा सानु ग्रहा ग्रहाः !!
अहिंसक, जितेन्द्रिय, नियम में स्थित और न्याय से धन अर्जित करने वाले मनुष्यों ग्रहों
की सदा कृपा बरसती रहती है !

No comments:

Post a Comment

सभी शिव भक्तों के लिए सुखद समाचार है, कि आगामी 19 और 20 सितंबर को श्री ओंकारेश्वर
ज्योतिर्लिंग पर महारुद्राभिषेक पाठ करने का निर्णय लिया गया है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! अपनी उपस्थिति के लिए हमें सूचित करें ! पं जयगोविंद शास्त्री